भारत में इस जगह केवल 30 रुपए प्रति किलो खरीद सकते है – काजू , बादाम , यहाँ से सस्ता खरीदकर अच्छा मुनाफा कमाते है लोग

भारत में इस जगह केवल 30 रुपए प्रति किलो खरीद सकते है – काजू , बादाम , यहाँ से सस्ता खरीदकर अच्छा मुनाफा कमाते है लोग

 

भारत में सर्दियों में ड्राई फ्रूट्स हमेशा से लोगो को लुभाता रहा है | सर्दियों का मौसम आते ही ड्राई फ्रूट्स की मांग में अचानक से वृद्धि हो जाती है | इनमे सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाले काजू और बादाम है 

 

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भारत में सर्दियों में ड्राई फ्रूट्स हमेशा से लोगो को लुभाता रहा है | सर्दियों का मौसम आते ही ड्राई फ्रूट्स की मांग में अचानक से वृद्धि हो जाती है | इनमे सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाले काजू और बादाम है | लेकिन भारत में इसकी खेती कम होने की वजह से इनकी कीमते आसमान छूती है , जिससे आम आदमी इन्हे आसानी से खरीद नहीं पाते है |

 

Cashew Nut Cheap Rate in India : काजू का नाम सुनते ही सबसे पहले इसकी कीमत लोग पूछते हैं। अगर किसी के घर में कोई कटोरी में काजू खाते दिख जाए तो लोग समझ जाते हैं कि यह पैसे वालों का घर है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा और इसे साफ करने और उन्हें खाने योग्य बनाने की प्रक्रिया के कारण, काजू की कीमत हमेशा आसमान छूती रहती है और इसकी कीमत लगभग 800-1000 रुपये प्रति किलोग्राम होती है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में एकमात्र ऐसा शहर है जो काजू को 30-40 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच कहीं कम दर पर बेचती है।

 

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जानें कहां मिलता है सबसे सस्ता काजू 

 

जी हां झारखंड के जामताड़ा (Jamtara) में 30 से 40 रुपये प्रति किलो काजू मिलता है। इस जामताड़ा शहर से महज चार किलोमीटर की दूरी पर ‘नाला’ नाम का एक गांव है, जिसे झारखंड का काजू शहर कहा जाता है। इस गांव में, आप आसानी से 20-30 रुपये प्रति किलो की कीमत पर काजू प्राप्त कर सकते हैं, जो कि देश भर में किसी भी अन्य सब्जी के समान है।

 

क्यों मिलता है सस्ता काजू ?

 

जामताड़ा (Jamtara) में काजू सस्ता मिलने की वजह यह है कि यहां के नाला इलाके में 49 एकड़ में काजू के बागवान  हैं। यहां पर बागवान में काम करने वाले बच्चे और महिलाएं काजू को बेहद सस्ते दामों में बेच देते हैं। दरअसल, एक अनुमान के मुताबिक बागवान में हर साल हजारों क्विंटल  काजू होता है। देखरेख के अभाव में स्थानीय लोग और यहां से गुजरने वाले लोग काजू तोड़कर ले जाते हैं। लोगों के तोड़ने के कारण यहां के किसान जल्द से जल्द सस्ता में काजू बेच देते हैं। किसान सरकार से काजू की खेती की देखरेख के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं।

 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जब वन विभाग ने पाया कि 2010 के आसपास नाला गांव की जलवायु और मिट्टी काजू की खेती के लिए अनुकूल है, तो काजू की खेती सभी के ध्यान में आई. इसके बाद काजू की खेती बड़े पैमाने पर की गई. जैसे ही पौधों में काजू के फल लगते हैं किसान उन्हें इकट्ठा करके औने-पौने दाम में सड़क किनारे बेच देते हैं. यह स्थान अधिक विकसित नहीं है, इसलिए ग्रामीण काजू को इतनी सस्ती दरों पर बेचते हैं |

 

बिहार-बंगाल के लोगों के निकट का शहर

 

बता दें कि झारखंड का शहर जामताड़ा बिहार और बंगाल के लोगों के लिए भी निकट है। बिहार का झाझा, जमुई जिला से जामताड़ा काफी नजदीक है। वहीं बंगाल के आसनसोल, अंडाल और दुर्गापुर से निकट है।

 

Cashew Nuts : जी हां आपने सही सुना है. काजू अपने मलाईदार बनावट और मीठे स्वाद के कारण सबसे लोकप्रिय सूखे मेवों में से एक है और इसे खाने के लिए हर कोई तरसता है. इसमें मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा आपको स्वस्थ रखती हैं. काजू की कीमत हमेशा आसमान छूती रहती है और इसकी कीमत लगभग 800-1000 रुपये प्रति किलोग्राम होती है. हालांकि आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में एकमात्र ऐसी जगह है जो इन नट्स को 30-100 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच कहीं कम दर पर बेचती है. झारखंड में जामताड़ा नाम का एक जिला है, जिसे भारत की फ़िशिंग राजधानी के रूप में भी जाना जाता है, जो इस लोकप्रिय मेवे को इतनी कम कीमत पर बेचता है |

 

कैसे हुई खेती की शुरुआत ?

 

सूत्रों के अनुसार आईएएस कृपानंद झा जब जामताड़ा के उपायुक्त थे, तब उन्हें पता चला कि नाला की मिट्टी और जलवायु काजू की खेती के लिए उपयुक्त है | इस प्रकार उन्होंने काजू के पेड़ लगाने के लिए कुछ कृषि वैज्ञानिकों से बातचीत की , इसके बाद वन विभाग ने पहल करते हुए नाला में 50 एकड़ भूमि में काजू के पौधे रोपे | तब से झारखंड में काजू की खेती हो रही है, लेकिन दुख की बात है कि इससे किसानों को कोई फायदा नहीं हो रहा है क्योंकि वे काजू को इतनी कम कीमत पर बेचते हैं |

 

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कम कीमत का कारण 

 

आप सोच रहे होंगे की आखिर इतनी कम कीमत कैसे संभव है ? दरअसल जामताड़ा एक विकसित शहर नहीं है और यहाँ के किसान के पास सीधे बाजार तक पहुचने का साधन नहीं है | इस  कारण वे लोग अपने उत्पादन को स्थानीय बाजारों में बहुत कम कीमतों पर बेच देते है |

 

 

FAQs -:  

 

Question : क्या जामताड़ा में काजू सस्ता मिलता है ?

 

Answer : आप का सवाल वाजिब है पर बता दे कि यह शहर है – झारखण्ड का जामताड़ा (Jamtara) ; यहाँ मात्र 30 से 40 रूपए किलो में काजू मिल जाता है | आखिर इतना सस्ता होने की वजह क्या है ? तो बता दे की झारखण्ड में हर साल हजारो टन काजू की पैदावार होती है |

 

Question : जामताड़ा में 1 Kg  काजू का प्राइस कितना है ?

 

Answer : काजू  ग्रेड W320  , पैकेजिंग आकर : किलो जामताड़ा में 590 रुपये प्रति किलो | आईडी : 24014889212.

 

Question : क्या जामताड़ा में काजू की खेती होती है ?

 

Answer : दरअसल , झारखण्ड में हर साल हजारो टन काजू की पैदावार होती है | जामताड़ा जिला मुख्यालय से लगभग चार किलोमीटर दूर तकरीबन 49 एकड़ की विशाल कृषि भूमि पर काजू की खेती की जाती है | यहाँ ड्राई फ्रूट्स के बड़े – बड़े बागन बना हुआ है  | यहाँ कम करने वाले लोग इन ड्राई फ्रूट्स को बहुत सस्ते भाव में बेच देते है |

 

Question : जामताड़ा क्यों प्रसिद्ध है काजू ?

 

Answer : रअसल , झारखण्ड में हर साल हजारो टन काजू की पैदावार होती है | जामताड़ा जिला मुख्यालय से लगभग चार किलोमीटर दूर तकरीबन 49 एकड़ की विशाल कृषि भूमि पर काजू की खेती की जाती है | यहाँ ड्राई फ्रूट्स के बड़े – बड़े बागन बना हुआ है  | यहाँ कम करने वाले लोग इन ड्राई फ्रूट्स को बहुत सस्ते भाव में बेच देते है |

 

Question : सबसे सस्ता काजू कौन से राज्य में मिलता है ?

 

Answer : इस जामताड़ा शहर से महज चार किलोमीटर की दूरी पर “नाला” नाम का एक गावं है , जिसे झारखण्ड का कजू शहर कहा जाता है | इस गावं में आप आसानी से 20 – 30 रुपये प्रति किलो की कीमत पर काजू प्राप्त कर सकते हो जो की देशा भर में किसी भी अन्य सब्जी के समान है |

 

Question : काजू का पेड़ कहा पनपता है ? 

 

Answer : खेती : काजू के पेड़ उष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह से सुखी मिट्टी और गर्म तापमान के साथ पनपते है |

 

Question : एक दिन में कितने ग्राम काजू खाने चाहिए ?

 

Answer : कुछ लोग स्वाद के चक्कर में ढेर सारे काजू खा लेते है | जो की गलत है | आपको दिन में 3 या 4 अधिक से अधिक  5 काजू से ज्यादा नहीं खाने चाहिए | अगर आप इससे ज्यादा काजू खाते हो तो इससे पेट खराब हो सकता है |

 

Thank You !

 

Founder and Onwer of Mathematical Academy .

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